100+ Short Stories in Hindi with Moral for Kids (August, 2022)

Hindi short stories with moral for Kids 2022: जब कभी भी कहानियों का जिक्र होता है तब बच्चो का भी जिक्र जरुर से किया जाता है, ऐसा इसलिए क्यूंकि कहानियाँ मुख्य रूप से बच्चों को ही सबसे ज्यादा पसदं होती है। ये कहानियां ही वो माध्यम हैं जिससे यक़ीनन उन्हें नयी प्रेरणा मिलती है और साथ ही जीवन को सही तरीके से जीने का सिख मिलती है।

जिससे की वो भविष्य में एक बेहतर इंसान बनाने में मदद करती है। सच में ये छोटे बड़े Moral Stories in Hindi काफी ज्यादा प्रेरणादायक होते हैं सभी बच्चों के लिए। वहीँ इनमें हमेशा कुछ सीख जरुर से मिलती है अंत में। इसलिए हिंदी कहानियाँ सभी को हमेशा से पसंद आती है फिर चाहे वो छोटे हो या बड़े।

इन बच्चों की कहानियों में भी आपको काफी भिन्नता देखने को मिलेंगी। मेरे कहने का मतलब है की इन कहानियों के लेखक बहुत से अलग अलग प्रकार के कहानियां बच्चों के लिए लिखते हैं। जैसे की राजा रानी की कहानी, जानवरों की कहानी, भूतों की कहानी, पक्ष्यों की कहानी और ऐसे बहुत कुछ।

लेकिन सभी कहानियों में कुछ न कुछ सीख अवस्य से दिया गया होता है। यहाँ से आप Rabindranath Tagore Hindi short stories पढ़ सकते है.

अक्सर आपने अपने बड़े बुजुर्गों को यह कहते हुए जरुर सुना होगा की उनके समय में उन्हें ये कहानियां (Short Moral Stories in Hindi) उनके दादी, नानी या परिवार के बड़े बुजुर्ग ही सोते समय सुनाया करते थे। लेकिन समय के साथ साथ सब कुछ बदलने लगा है।

अब बच्चों को आप गाँव जाते हुए काफी कम ही देखते होंगे और वो ज्यादा समय अपने Mobile या computer में ही व्यतीत करते हैं, ऐसे में उन्हें कहानी सुनने के मज़ा नहीं मिल पाता है जो की पहले के लोगों ने अनुभव किया होगा। हमें दुःख है की आपको ये ख़ुशी से वंचित होना पड़ रहा है। लेकिन हाँ, हमारी ये कोशिश रहेगी की आपको भी हम वही सभी कहानियाँ सुनाने का मौक़ा मिले।

तो फिर बिना देरी के चलिए वो सभी कहानियों का मज़ा लेते हैं जो की आपको ज़रूर से आनंद प्रदान करने वाली हैं।

Short Stories in Hindi for Kids (2022)

Table of Contents

बच्चों को इन बेहतरीन Short Stories of Hindi से रूबरू कराने के लिए लिए ही आज मैंने आप लोगों के लिए यह लेख “Short Inspirational Stories in Hindi” प्रस्तुत किया है. ये कहानियां सभी आयुवर्ग के लोगों के लिए हैं, लेकिन ख़ासकर इन्हें बच्चों के लिए लिखा गया है।

Short Stories in Hindi with Moral for Kids
Short Stories in Hindi with Pictures

यदि आप भी अपने बच्चों को कुछ ऐसे ही अनोखी और रोचक हिंदी कहानियां सुनना चाहते हैं तब आप यहाँ से उन कहानिओं को पढकर जरुर सुना सकते हैं. तो बिना देरी किये एक बढ़िया सी कहानी सुनते हैं.

1. शेर और चूहे की कहानी: Short Hindi Story with Moral

एक बार की बात है जब एक शेर जंगल में सो रहा था उस समय एक चूहा उसके शरीर में उछल कूद करने लगा अपने मनोरंजन के लिए. इससे शेर की नींद ख़राब हो गयी और वो उठ गया साथ में गुस्सा भी हो गया.

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वहीँ फिर वो जैसे ही चूहे को खाने को हुआ तब चूहे ने उससे विनती करी की उसे वो आजाद कर दें और वो उसे कसम देता है की कभी यदि उसकी जरुरत पड़े तब वो जरुर से शेर की मदद के लिए आएगा. चूहे की इस साहसिकता को देखकर शेर बहुत हँसा और उसे जाने दिया.

कुछ महीनों के बाद एक दिन, कुछ शिकारी जंगल में शिकार करने आये और उन्होंने अपने जाल में शेर को फंसा लिया. वहीँ उसे उन्होंने एक पेड़ से बांध भी दिया. ऐसे में परेशान शेर खुदको छुड़ाने का बहुत प्रयत्न किया लेकिन कुछ कर न सका. ऐसे में वो जोर से दहाड़ने लगा.

उसकी दहाड़ बहुत दूर तक सुनाई देने लगी. वहीँ पास के रास्ते से चूहा गुजर रहा था और जब उसने शेर की दहाड़ सुनी तब उसे आभास हुआ की शेर तकलीफ में है. जैसे ही चूहा शेर के पास पहुंचा वो तुरंत अपनी पैनी दांतों से जाल को कुतरने लगा और जिससे शेर कुछ देर में आजाद भी हो गया और उसने चूहे को धन्यवाद दी. बाद में दोनों साथ मिलकर जंगल की और चले गए.

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की उदार मन से किया गया कार्य हमेशा फल देता है.

2. लालची शेर की कहानी: Short Stories in Hindi for Kids

गर्मी के एक दिन में, जंगल के एक शेर को बहुत जोरों से भूख लगी. इसलिए वो इधर उधर खाने की तलाश करने लगा. कुछ देर खोजने के बाद उसे एक खरगोश मिला, लेकिन उसे खाने के बदले में उसे उसने छोड़ दिया क्यूंकि उसे वो बहुत ही छोटा लगा.

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फिर कुछ देर धुंडने के बाद उसे रास्ते में एक हिरन मिला, उसने उसका पीछा किया लेकिन चूँकि वो बहुत से खाने की तलाश कर रहा था ऐसे में वो थक गया था, जिसके कारण वो हिरन को पकड़ नहीं पाया.

अब जब उसे कुछ भी खाने को नहीं मिला तब वो वापस उस खरगोश को खाने के विषय में सोचा. वहीँ जब वो वापस उसी स्थान में आया था उसे वहां पर कोई भी खरगोश नहीं मिला क्यूंकि वो वहां से जा चूका था. अब शेर काफ़ी दुखी हुआ और बहुत दिनों तक उसे भूखा ही रहना पड़ा.

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की अत्यधिक लोभ करना कभी भी फलदायक नहीं होता है.

3. सुई देने वाली पेड़ की कहानी : Hindi Short Stories with Moral

एक जंगल के पास दो भाई रहा करते थे. इन दोनों में से जो भाई बड़ा था वो बहुत ही ख़राब बर्ताव करता था छोटे भाई के साथ. जैसे की वो प्रतिदिन छोटे भाई का सब खाना ख लेता था और साथ में छोटे भाई के नए कपड़े भी खुद पहन लेता था.

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एक दिन बड़े भाई ने तय किया की वो पास के जंगल में जाकर कुछ लकड़ियाँ लायेगा जिसे की वो बाद में बाज़ार में बेच देगा कुछ पैसों के लिए.

जैसे ही वह जंगल में गया वहीं वो बहुत से पेड़ काटे, फ़िर ऐसे ही एक के बाद एक पेड़ काटते हुए, वह एक जादुई पेड़ पर ठोकर खाई.

ऐसे में पेड़ ने कहा, अरे मेहरबान सर, कृपया मेरी शाखाएं मत काटो. अगर तुम मुझे छोड़ दो तब, मैं तुम्हें एक सुनहरा सेब दूंगा. वह उस समय सहमत हो गया, लेकिन उसके मन में लालच जागृत हुआ. उसने पेड़ को धमकी दी कि अगर उसने उसे ज्यादा सेब नहीं दिया तो वह पूरा धड़ काट देगा।

ऐसे में जादुई पेड़, बजाय बड़े भाई को सेब देने के, उसने उसके ऊपर सैकड़ों सुइयों की बौछार कर दी. इससे बड़े भाई दर्द के मारे जमीन पर लेटे रोने लगा.

अब दिन धीरे धीरे ढलने लगा, वहीँ छोटे भाई को चिंता होने लगी. इसलिए वह अपने बड़े भाई की तलाश में जंगल चला गया. उसने उस पेड़ के पास बड़े भाई को दर्द में पड़ा हुआ पाया, जिसके शरीर पर सैकड़ों सुई चुभी थी. उसके मन में दया आई, वह अपने भाई के पास पहुंचकर, धीरे धीरे हर सुई को प्यार से हटा दिया.

ये सभी चीज़ें बड़ा भाई देख रहा था और उसे अपने पर गुस्सा आ रहा था. अब बड़े भाई ने उसके साथ बुरा बर्ताव करने के लिए छोटे भाई से माफी मांगी और बेहतर होने का वादा किया. पेड़ ने बड़े भाई के दिल में आए बदलाव को देखा और उन्हें वह सब सुनहरा सेब दिया जितना की उन्हें आगे चलकर जरुरत होने वाली थी.

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की हमेशा सभी को दयालु और शालीन बनना चाहिए, क्योंकि ऐसे लोगों को हमेशा पुरस्कृत किया जाता है.

4. लकड़हारा और सुनहरी कुल्हाड़ी की कहानी : Moral Stories in Hindi in Short

एक समय की बात है जंगल के पास एक लकड़हारा रहता था. वो जंगल में लकड़ी इकठ्ठा करता था और उन्हें पास के बाज़ार में बेचता था कुछ पैसों के लिए.

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एक दिन की बात है वो एक पेड़ काट रहा था, तभी हुआ ये की गलती से उसकी कुल्हाड़ी पास की एक नदी में गिर गई. नदी बहुत ज्यादा गहरी थी और वास्तव में तेजी से बह रही थी- उसने बहुत प्रयत्न किया अपने कुल्हाड़ी को खोजने की लेकिन उसे वो वहां नहीं मिली. अब उसे लगा की उसने कुल्हाड़ी खो दी है, वहीँ दुखी होकर वो नदी के किनारे बैठकर रोने लगा.

उसके रोने की आवाज सुनकर नदी के भगवान उठे और उस लकड़हारे से पूछा कि क्या हुआ. लकड़हारा ने उन्हें अपनी दुखद कहानी बताई. नदी के भगवान को उस लकड़हारे के ऊपर दया आई और वो उसकी मेहनत और सच्चाई देखकर उसकी मदद करने की पेशकश की.

वो नदी में गायब हो गए और एक सुनहरी कुल्हाड़ी वापस लाया, लेकिन लकड़हारे ने कहा कि यह उसका नहीं है. वो फिर से गायब हो गए और अब की बार उन्होंने चांदी की कुल्हाड़ी लेकर वापस आये, लेकिन इस बार भी लकड़हारे ने कहा कि ये कुल्हाड़ी उसका भी नहीं है।

अब नदी के भगवान पानी में फिर से गायब हो गए और अब की बार वो एक लोहे की कुल्हाड़ी के साथ वापस आ गए – लकड़ी का कुल्हाड़ी देखकर लकड़हारा मुस्कुराया और कहा कि यह उसकी कुल्हाड़ी है.

नदी के भगवान ने लकड़हारे की ईमानदारी से प्रभावित होकर उसे सोने और चांदी की दोनों कुल्हाड़ियों से भेंट किया.

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की ईमानदारी सर्वोत्तम नीति है.

5. हाथी और उसके दोस्तों की कहानी : Short Moral Stories in Hindi for Class 1

बहुत समय पहले की बात है, एक अकेला हाथी एक अजीब जंगल में बसने आया.. यह जंगल उसके लिए नया था, और वह दोस्त बनाने के लिए देख रहा था.

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वो सबसे पहले एक बंदर से संपर्क किया और कहा, “नमस्ते, बंदर भैया ! क्या आप मेरे दोस्त बनना चाहेंगे? ” बंदर ने कहा, तुम मेरी तरह झूल नहीं सकते क्यूंकि तुम बहुत बड़े हो, इसलिए मैं तुम्हारा दोस्त नहीं बन सकता.

इसके बाद हाथी एक खरगोश के पास गया और वही सवाल पूछा. खरगोश ने कहा, तुम मेरे बिल में फिट होने के लिए बहुत बड़े हो, इसलिए मैं तुम्हारा दोस्त नहीं बन सकता.

फिर हाथी तालाब में रहने वाले मेंढक के पास गया और वही सवाल पूछा. मेंढक ने उसे जवाब दिया, तुम मेरे जितना ऊंची कूदने के लिए बहुत भारी हो, इसलिए मैं तुम्हारा दोस्त नहीं बन सकता. अब हाथी वास्तव में उदास था क्योंकि वह बहुत कोशिशों के वाबजूद दोस्त नहीं बना सका.

फिर, एक दिन, सभी जानवरों को जंगल में इधर उधर दौड़ रहे थे, ये देखकर हाथी ने दौड़ रहे एक भालू से पूछा कि इस उपद्रव के पीछे का कारण क्या है.

भालू ने कहा, जंगल का शेर शिकार पर निकला है – वे खुद को उससे बचाने के लिए भाग रहे हैं. ऐसे में हाथी शेर के पास गया और कहा कि कृपया इन निर्दोष लोगों को चोट न पहुंचाओ. कृपया उन्हें अकेला छोड़ दें.

शेर ने उसका मजाक उड़ाया और हाथी को एक तरफ चले जाने को कहा. तभी हाथी को गुस्सा आ गया और उसने शेर को उसकी सारी ताकत लगाकर धक्का दे दिया, जिससे वह घायल हो गया और वहां से भाग खड़ा हुआ.

अब बाकी सभी जानवर धीरे-धीरे बाहर आ गए और शेर की हार को लेकर आनंदित होने लगे. वे हाथी के पास गए और उससे कहा, “तुम्हारा आकार एकदम सही है हमारा दोस्त बनने के लिए !”

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की एक व्यक्ति का आकार उनके मूल्य का निर्धारण नहीं करता है.

6. आलू, अंडे और कॉफी बीन्स की कहानी : Small Moral Stories in Hindi

एक लड़का था जिसका नाम जॉन था और वो काफ़ी उदास था। उसके पिता को वह रोता हुआ मिला। 

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जब उसके पिता ने जॉन से पूछा कि वह क्यों रो रहे हैं, तो उसने कहा कि उसके जीवन में बहुत सारी समस्याएं हैं। उसके पिता बस मुस्कुराए और उसे एक आलू, एक अंडा और कुछ कॉफी बीन्स लाने को कहा। उसने उन्हें तीन कटोरे में रखा।

फिर उन्होंने जॉन से उनकी बनावट को महसूस करने के लिए कहा और फिर उन्होंने प्रत्येक कटोरी में पानी भर देने का निर्देश दिया। 

जॉन ने वैसा ही किया जैसा उसे बताया गया था। उसके पिता ने फिर तीनों कटोरे उबाले।

एक बार जब कटोरे ठंडे हो गए, तो जॉन के पिता ने उन्हें अलग-अलग खाद्य पदार्थों की बनावट को फिर से महसूस करने के लिए कहा।

जॉन ने देखा कि आलू नरम हो गया था और उसकी त्वचा आसानी से छिल रही थी; अंडा कठिन और सख्त हो गया था; वहीं कॉफी बीन्स पूरी तरह से बदल गई थी और पानी के कटोरे को सुगंध और स्वाद से भर दिया था।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की जीवन में हमेशा समस्याएँ और दबाव होंगे, जैसे कहानी में उबलता पानी। इन समस्याओं पर आप इस तरह से प्रतिक्रिया करते हैं, यही सबसे अधिक मायने रखती है!

7. दो मेंढ़कों की कहानी : Short Animal Stories in Hindi

एक बार मेंढकों का एक दल पानी की तलाश में जंगल में घूम रहा था। अचानक, समूह में दो मेंढक गलती से एक गहरे गड्ढे में गिर गए।

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दल के दूसरे मेंढक गड्ढे में अपने दोस्तों के लिए चिंतित थे। गड्ढा कितना गहरा था, यह देखकर उन्होंने दो मेंढकों से कहा कि गहरे गड्ढे से बचने का कोई रास्ता नहीं है और कोशिश करने का कोई मतलब नहीं है।

वे लगातार उन्हें हतोत्साहित करते रहे क्योंकि दो मेंढक गड्ढे से बाहर कूदने की कोशिश कर रहे थे। वो दोनों जितनी भी कोशिश करते लेकिन काफ़ी सफल नहीं हो पाते।

जल्द ही, दो मेंढकों में से एक ने दूसरे मेंढकों पर विश्वास करना शुरू कर दिया – कि वे कभी भी गड्ढे से नहीं बच पाएंगे और अंततः हार मान लेने के बाद उसकी मृत्यु हो गई।

दूसरा मेंढक अपनी कोशिश जारी रखता है और आखिर में इतनी ऊंची छलांग लगाता है कि वह गड्ढे से बच निकलता है। अन्य मेंढक इस पर चौंक गए और आश्चर्य किया कि उसने यह कैसे किया।

अंतर यह था कि दूसरा मेंढक बहरा था और समूह का हतोत्साह नहीं सुन सकता था। उसने ये सोचा कि वे उसके इस कोशिश पर खुश कर रहे हैं और उसे कूदने के लिए उत्साहित कर रहे हैं !

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की दूसरों की राय आपको तभी प्रभावित करेगी जब आप उसपर विश्वास करेंगे, बेहतर इसी में है की आप खुद पर ज़्यादा विश्वास करें, सफलता आपके कदम चूमेगी।

8. मूर्ख गधा की कहानी : Simple Short Motivation Stories in Hindi

एक नमक बेचने वाला रोज अपने गधे पर नमक की थैली लेकर बाजार जाता था।

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रास्ते में उन्हें एक नदी पार करना पड़ता था। एक दिन नदी पार करते वक्त, गधा अचानक नदी में गिर गया और नमक की थैली भी पानी में गिर गई। चूँकि नमक से भरा थैला पानी में घुल गया और इसलिए थैला ले जाने के लिए बहुत हल्का हो गया। 

इसकी वजह से गधा बहुत ही खुश था। अब फिर गधा रोज वही चाल चलने लगा, इससे नमक बेचने वाले को काफ़ी नुक़सान उठाना पड़ता।

नमक बेचने वाले को गधे की चाल समझ में आ गई और उसने उसे सबक सीखाने का फैसला किया। अगले दिन उसने गधे पर एक रुई से भरा थैला लाद दिया।

अब गधे ने फिर से वही चाल चली। उसे उम्मीद थी कि रुई का थैला अभी भी हल्का हो जाएगा।

लेकिन गीला रुई (कपास) ले जाने के लिए बहुत भारी हो गया और गधे को नुकसान उठाना पड़ा। उसने इससे  एक सबक सीखा। उस दिन के बाद उसने कोई चाल नहीं चली और नमक बेचने वाला खुश था।

सीख

इस कहानी से हमें ये सिख मिलती है की भाग्य हमेशा साथ नहीं देता है, हमेशा हमें अपने बुद्धि का भी इस्तमाल करना चाहिए।।

9. एक बूढ़े व्यक्ति की कहानी : Very Short Motivation Story in Hindi

गाँव में एक बुढ़ा व्यक्ति रहता था। वह दुनिया के सबसे बदकिस्मत लोगों में से एक था। सारा गाँव उसके अजीबोग़रीब हरकत से थक गया था।

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क्यूँकि वह हमेशा उदास रहता था, वह लगातार शिकायत करता था और हमेशा खराब मूड में रहता था।

जितना अधिक वह जीवित रहा, उतना ही वो दुखी रहता और उसके शब्द उतने ही जहरीले थे। लोग उससे बचते थे, क्योंकि उसका दुर्भाग्य संक्रामक हो गया था।

उससे जो भी मिलता उसका दिन अशुभ हो जाता। उसके बगल में खुश रहना अस्वाभाविक और अपमानजनक भी था।

इतना ज़्यादा दुखीं होने के वजह से उसने दूसरों में दुख की भावना पैदा की।

लेकिन एक दिन, जब वह अस्सी साल के हुए, एक अविश्वसनीय बात हुई। ये बात लोगों में आज के तरह फैल गयी।  

वह बूढ़ा आदमी आज खुश था, वह किसी भी चीज़ की शिकायत नहीं कर रहा था, बल्कि पहली बार वो मुस्कुरा रहा था, और यहाँ तक कि उसका चेहरा भी तरोताज़ा दिखायी पड़ रहा था।”

यह देख कर पूरा गांव उसके घर के सामने इकट्ठा हो गया। और सभी ने बूढ़े आदमी से पूछा की : तुम्हें क्या हुआ है?

जवाब में बूढ़ा आदमी बोला : “कुछ खास नहीं। अस्सी साल से मैं खुशी का पीछा कर रहा हूं, और यह बेकार था, मुझे ख़ुशी कभी नहीं मिली। और फिर मैंने खुशी के बिना जीने और जीवन का आनंद लेने का फैसला किया। इसलिए मैं अब खुश हूं।” 

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की खुशी का पीछा मत करो। जीवन का आनंद लो।

10. रास्ते में बाधा की कहानी : Short Moral Story for Adults in Hindi

बहुत पुराने समय की बात है, एक राजा ने जानबूझकर एक बड़ा सा चट्टान रास्ते के बीचों बीच में रखवा दिया। वहीं वो पास के एक बड़े से झाड़ी में छुप गया। वो ये देखना चाहता था की आख़िर कौन वो चट्टान रास्ते से हटाता है। 

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उस रास्ते से बहुत से लोग आने जाने लगे लेकिन किसी ने भी उस चट्टान को हटाना ठीक नहीं समझा। यहाँ तक की राजा के दरबार के ही बहुत से मंत्री और धनी व्यापारी भी उस रास्ते से गुजरे, लेकिन किसी ने भी उसे हटाना ठीक नहीं समझा। उल्टा उन्होंने राजा को ही इस बाधा के लिए ज़िम्मेदार ठहराया।

बहुत से लोगों ने राजा पर सड़कों को साफ न रखने के लिए जोर-जोर से आरोप लगाया, लेकिन उनमें से किसी ने भी पत्थर को रास्ते से हटाने के लिए कुछ नहीं किया।

तभी एक किसान सब्जियों का भार लेकर आया। शिलाखंड (चट्टान) के पास पहुंचने पर किसान ने अपना बोझ नीचे रखा और पत्थर को सड़क से बाहर धकेलने का प्रयास किया। काफी मशक्कत के बाद आखिरकार उसे सफलता मिली।

जब किसान अपनी सब्जियां लेने वापस गया, तो उसने देखा कि सड़क पर एक पर्स पड़ा था, जहां पत्थर पड़ा था।

पर्स में कई सोने के सिक्के और राजा का एक नोट था जिसमें बताया गया था कि सोना उस व्यक्ति के लिए था जिसने सड़क से चट्टान को हटाया था।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की जीवन में हमारे सामने आने वाली हर बाधा हमें अपनी परिस्थितियों को सुधारने का अवसर देती है, और जबकि आलसी शिकायत करते हैं, दूसरे अपने दयालु हृदय, उदारता और काम करने की इच्छा के माध्यम से अवसर पैदा कर देते हैं।

11. लोमड़ी और अंगूर की कहानी : Good Short Moral Stories in Hindi

बहुत दिनों पहले की बात है, एक बार एक जंगल में एक लोमड़ी को बहुत भूख लगी। उसने पूरी जंगल में छान मारा लेकिन उसे कहीं पर भी खाने को कुछ भी नहीं मिला। इतनी मेहनत से खोज करने के बाद भी , उसे कुछ ऐसा नहीं मिला जिसे वह खा सके।

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अंत में, जैसे ही उसका पेट गड़गड़ाहट हुआ, वह एक किसान की दीवार से टकरा गया। दीवार के शीर्ष पर पहुँचकर, उसने अपने सामने बहुत से बड़े, रसीले अंगूरों को देखा। वो सभी अंगूर दिखने में काफ़ी ताज़े और सुंदर थे। लोमड़ी को ऐसा प्रतीत हो रहा था कि वे खाने के लिए तैयार हैं।

अंगूर तक पहुँचने के लिए लोमड़ी को हवा में ऊंची छलांग लगानी पड़ी। कूदते ही उसने अंगूर पकड़ने के लिए अपना मुंह खोला, लेकिन वह चूक गया। लोमड़ी ने फिर कोशिश की लेकिन फिर चूक गया।

उसने कुछ और बार कोशिश की लेकिन असफल रहा

अंत में, लोमड़ी ने फैसला किया कि वो अब और कोशिश नहीं कर सकता है और उसे घर चले जाना चाहिए। जब वह चला गया, तो वह मन ही मन बुदबुदाया, “मुझे यकीन है कि अंगूर वैसे भी खट्टे थे।”

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की जो हमारे पास नहीं है उसका कभी तिरस्कार न करें; कुछ भी आसान नहीं आता।

12. अहंकारी गुलाब की कहानी : Cute Inspirational Short Moral Stories in Hindi

एक बार की बात है, दूर एक रेगिस्तान में, एक गुलाब का पौधा था जिसे अपने सुंदर रूप (गुलाब का फ़ुल) पर बहुत गर्व था। उसकी एकमात्र शिकायत यह थी की, एक बदसूरत कैक्टस के बगल में बढ़ रही थी।

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हर दिन, सुंदर गुलाब कैक्टस का अपमान करता था और उसके लुक्स पर उसका मजाक उड़ाता था, जबकि कैक्टस चुप रहता था। आस-पास के अन्य सभी पौधों ने गुलाब को समझाने की कोशिश की, लेकिन वह भी अपने ही रूप से प्रभावित थी।

एक चिलचिलाती गर्मी, रेगिस्तान सूख गया, और पौधों के लिए पानी नहीं बचा। गुलाब जल्दी मुरझाने लगा। उसकी सुंदर पंखुड़ियाँ सूख गईं, अपना रसीला रंग खो दिया।

एक दिन दोपहर में, गुलाब ने ये नज़ारा देखा की एक गौरैया कुछ पानी पीने के लिए अपनी चोंच को कैक्टस में डुबा रही थी। यह देखकर गुलाब के मन में कुछ संकोच आयी। 

हालांकि शर्म आ रही थी फिर भी, गुलाब ने कैक्टस से पूछा कि क्या उसे कुछ पानी मिल सकता है? इसके जवाब में, दयालु कैक्टस आसानी से सहमत हो गया। गुलाब को अपनी गलती की एहसास हुआ, वहीं उसने एक दूसरे का मदद किया इस कठिन गर्मी को पार करने के लिए।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की कभी भी किसी को उनके दिखने के तरीके से मत आंकिए।

13. कौवे की गिनती : Akbar Birbal Short Moral Stories in Hindi

एक दिन की बात है, अकबर महाराज जे अपने सभा में एक अजीब सा सवाल पूछा, जिससे पूरी सभा के लोग हैरान रह गए। जैसे ही वे सभी उत्तर जानने की कोशिश कर रहे थे, तभी बीरबल अंदर आए और पूछा कि मामला क्या है। 

उन्होंने उससे सवाल दोहराया। सवाल था, “शहर में कितने कौवे हैं?

बीरबल तुरंत मुस्कुराए और अकबर के पास गए। उन्होंने उत्तर की घोषणा की; उनका जवाब था की, नगर में इक्कीस हजार पांच सौ तेईस कौवे हैं। यह पूछे जाने पर कि वह उत्तर कैसे जानते हैं, तब बीरबल ने उत्तर दिया, “अपने आदमियों से कौवे की संख्या गिनने के लिए कहें।

यदि अधिक मिले,, तो कौवे के रिश्तेदार उनके पास आस-पास के शहरों से आ रहे होंगे। यदि कम हैं, तो हमारे शहर के कौवे शहर से बाहर रहने वाले अपने रिश्तेदारों के पास जरूर गए होंगे।” 

यह जवाब सुनकर, राजा को काफ़ी संतोष मिला। इस उत्तर से प्रसन्न होकर अकबर ने बीरबल को एक माणिक और मोती की जंजीर भेंट की। वहीं उन्होंने बीरबल की बुद्धि की काफ़ी प्रसंशा करी।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की आपके उत्तर में सही स्पष्टीकरण होना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि सही उत्तर का होना।

14. लालची आदमी की कहानी : Motivational Short Moral Stories in Hindi

एक बार एक छोटे से शहर में एक लालची आदमी रहता था। वह बहुत ही धनी था, लेकिन इसके वाबजुद भी उसकी लालच का कोई अंत नहीं था। उसे सोना और क़ीमती वस्तुएँ काफ़ी प्रिय थीं। 

लेकिन एक बात ज़रूर थी की, वह अपनी बेटी को किसी भी चीज से ज्यादा प्यार करता था। एक दिन उसे एक परी दिखाई दी। जब वो उसके पास आया तो उसने देखा की, पेड़ की कुछ शाखाओं में परी के बाल फंस गए थे। 

उसने उसकी मदद की और परी उन शाखाओं से आज़ाद हो गयी। लेकिन जैसे-जैसे उसका लालच हावी हुआ, उसने महसूस किया कि उसके इस मदद के बदले में एक इच्छा माँगकर (उसकी मदद करके) वो आसानी से अमीर बन सकता है। 

ये सुनकर, परी ने उसे एक इच्छा की पूर्ति करने का मौक़ा भी दिया। ऐसे में उस लालची आदमी ने कहा की, “जो कुछ मैं छूऊं वह सब सोना हो जाए।” बदले में ये इच्छा को भी उस परी ने पूरी कर दी थी। 

जब उसकी इच्छा पूर्ण हो गयी, तब वो लालची आदमी अपनी पत्नी और बेटी को अपनी इच्छा के बारे में बताने के लिए घर भागा। उसने हर समय पत्थरों और कंकड़ को छूते हुए और उन्हें सोने में परिवर्तित होते देखा, जिसे देखकर वो बहुत ही खुश भी हुआ।  

घर पहुंचते ही उसकी बेटी उसका अभिवादन करने के लिए दौड़ी। जैसे ही वह उसे अपनी बाहों में लेने के लिए नीचे झुका, वह एक सोने की मूर्ति में बदल गई। ये पूरी घटना अपने सामने देखते ही उसे अपनी गलती का एहसास हुआ।

वो काफ़ी ज़ोर से रोने लगा और अपनी बेटी को वापस लाने की कोशिश करने लगा। उसने परी को खोजने की काफ़ी कोशिश करी लेकिन वो उसे कहीं पर भी नहीं मिली। उसे अपनी मूर्खता का एहसास हुआ, लेकिन अब तक काफ़ी देर हो गयी थी।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की लालच हमेशा पतन की ओर ले जाता है। ज़रूरत से ज़्यादा लालच करना हमें हमेशा दुःख प्रदान करता है।

15. लोमड़ी और सारस की कहानी : Inspirational Short Moral Stories in Hindi

एक दिन, एक स्वार्थी लोमड़ी ने एक सारस को रात के खाने के लिए आमंत्रित किया। सारस निमंत्रण से बहुत खुश हुआ, क्यूंको उसे खाने का काफ़ी शौक़ था। वह समय पर लोमड़ी के घर पहुँची और अपनी लंबी चोंच से दरवाजा खटखटाया। 

लोमड़ी ने उसे घर पर आमंत्रित किया और अंदर अंदर आने को कहा। फिर उसे खाने की मेज पर ले गई और उन दोनों के लिए उथले कटोरे में कुछ सूप परोसा। चूंकि कटोरा सारस के लिए बहुत उथला था, इसलिए वह सूप बिल्कुल नहीं पी सकती थी। लेकिन, लोमड़ी ने जल्दी से अपना सूप चाट लिया।

सारस गुस्से में और परेशान थी, लेकिन उसने अपना गुस्सा नहीं दिखाया और विनम्रता से व्यवहार किया। वहीं उसने मन ही मन एक योजना बनायी, लोमड़ी को सबक सीखाने के लिए। 

उसने फिर लोमड़ी को अगले ही दिन रात के खाने पर आमंत्रित किया। जब लोमड़ी उसके घर पर आयी, तब उसने भी सूप परोसा, लेकिन इस बार सूप को दो लंबे संकरे फूलदानों में परोसा। सारस ने अपने फूलदान से सूप को खा लिया, लेकिन लोमड़ी अपनी संकीर्ण गर्दन के कारण उसमें से कुछ भी नहीं पी सकी। 

अब ये सब देखकर लोमड़ी को अपनी गलती का एहसास हुआ और वह भूखा घर चला गया।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की एक स्वार्थी कार्य जल्दी या बाद में उलटा अवस्य पड़ ही जाता है।

16. क्रिस्टल बॉल की कहानी : Short Moral Stories in Hindi For Class 2

बहुत दिनों पहले की बात है। एक बार एक छोटा सा लड़का राम अपने बगीचे में खेल रहा था। उसे अपने बगीचे के बरगद के पेड़ के पीछे एक क्रिस्टल बॉल मिली। पेड़ ने उससे कहा कि यह एक जादूयी क्रिस्टल बॉल है जो की उसकी इच्छा की पूर्ति करेगा। 

यह सुनकर वह बहुत खुश हुआ और उसने बहुत सोचा, लेकिन दुर्भाग्य से उसे ऐसी कोई भी चीज़ नहीं मिली जिसे की वो उस क्रिस्टल बॉल से माँग सके। इसलिए, उसने क्रिस्टल बॉल को अपने बैग में रखा और तब तक इंतजार किया जब तक कि वह अपनी इच्छा पर फैसला नहीं कर लेता।

ऐसे ही सोचते सोचते बहुत दिन बीत गए, लेकिन उसे अभी तक भी ये समझ में नहीं आ रहा था की वो आख़िर में क्या माँगे। एक दिन उसका मित्र उसे उस क्रिस्टल बॉल के साथ देख लेता है। वहीं उसने राम से वो क्रिस्टल बॉल चुराया और गाँव के सभी लोगों को दिखाया।

उन सभी ने अपने लिए महल और धन और बहुत सारा सोना माँगा, लेकिन वे सभी भी एक से अधिक इच्छा नहीं कर सके। अंत में, हर कोई नाराज था क्योंकि उन्हें वो सब कुछ नहीं मिल पाया जिन्हें की उन्हें चाह थी। 

वे सभी बहुत दुखी हुए और उन्होंने राम से मदद मांगने का फैसला किया। उनकी बातें सुनकर राम ने एक इच्छा माँगना चाहा, वहीं राम ने अपनी ये इच्छा माँगी कि सब कुछ पहले जैसा हो जाए। इससे पहले जो सभी गाँव वालों ने अपने लालच को पूरा करने की कोशिश की थी उनकी सभी चीजें ग़ायब हो गयी।

यानी की उनके द्वारा माँगी गयी महल और सोना गायब हो गया और गाँव वाले एक बार फिर खुश और संतुष्ट हो गए। अंत में सभी ने राम को उसकी सूझ बुझ के लिए धन्यवाद कहा।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की पैसा और दौलत हमेशा खुशी नहीं लाते।

17. चींटी और कबूतर की कहानी : Short Moral Stories in Hindi For Class 3

भीषण गर्मी के दिनों में एक चींटी पानी की तलाश में इधर-उधर घूम रही थी। कुछ देर घूमने के बाद उसने एक नदी देखी और उसे देखकर प्रसन्न हुई। वह पानी पीने के लिए एक छोटी सी चट्टान पर चढ़ गई, लेकिन वह फिसल कर नदी में गिर गई। 

वह जब डूब रही थी तब उसे एक कबूतर ने देख लिया। वह कबूतर जो की पास के एक पेड़ पर बैठा हुआ था उसने उसकी मदद की। चींटी को संकट में देखकर कबूतर ने झट से एक पत्ता पानी में गिरा दिया। 

चींटी पत्ती की ओर बढ़ी और उस पर चढ़ गई। फिर कबूतर ने ध्यान से पत्ते को बाहर निकाला और जमीन पर रख दिया। इस तरह चींटी की जान बच गई और वह हमेशा कबूतर की ऋणी रही।

इस घटना के बाद चींटी और कबूतर सबसे अच्छे दोस्त बन गए और उनके दिन खुशी से बीते। लेकिन एक दिन जंगल में एक शिकारी आया। उसने पेड़ पर बैठे सुंदर कबूतर को देखा और अपनी बंदूक से कबूतर पर निशाना साधा। 

यह सब वह चींटी देख रहा था जिसे की उस कबूतर ने बचाया था। यह देखकर उस चींटी ने शिकारी की एड़ी पर काट लिया, जिससे वह दर्द से चिल्लाया और उसके हाथ से बंदूक गिरा दी। कबूतर शिकारी की आवाज से घबरा गया और उसे एहसास हुआ कि उसके साथ क्या हो सकता है। वह अपनी जान बचाने के लिए वहाँ से उड़ गया!

जब वह शिकारी वहाँ से चला गया फिर कबूतर वहाँ उस चींटी के पास आया और उसकी जान बचाने के लिए उसे धनयवाद दिया। इस तरह दोनों दोस्त विपत्ति के समय में एक दूसरे के काम आए। 

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की एक अच्छा काम कभी बेकार नहीं जाता, समय आने पर वो अवस्य फल देता है।

18. चींटी और हाथी की कहानी : Short Moral Stories in Hindi For Class 4

बहुत समय पहले की बात है, एक जंगल में एक बार एक घमंडी हाथी था जो हमेशा छोटे जानवरों को धमकाता था और उनका जीवन कष्टदायक बनाता था। इसलिए सभी छोटे जानवर उससे परेशान थे। एक बार की बात है वह अपने घर के पास के एंथिल (चींटी की मांद) में गया और चींटियों पर पानी छिड़का।

ऐसा होने पर वो सभी चींटियाँ अपने आकार को लेकर रोने लगीं। क्यूँकि वो हाथी इनकी तुलना में काफ़ी बड़ा था और इसलिए वो कुछ नहीं कर सकती थीं।

हाथी बस हँसा और चींटियों को धमकी दी कि वह उन्हें कुचल कर मार डालेगा। ऐसे में चींटियाँ वहाँ से चुपचाप चली गयी। फिर एक दिन, चींटियों ने एक सभा बुलायी और उन्होंने हाथी को सबक सीखाने का फैसला किया। अपनी योजना के मुताबिक़ जब हाथी उनके पास आया तब वे सीधे हाथी की सूंड में जा घुसे और उसे काटने लगे।

इससे हाथी केवल दर्द में कराह सकता था। क्यूँकि चींटियाँ इतनी छोटी थी कि उनका यह हाथी कुछ नहीं कर सकता था। साथ में उसके शूँड के अंदर होने के वजह से वो चाहकर भी कुछ नहीं कर सकता था। अब उसे अपनी गलती का एहसास हुआ और उसने चींटियों और उन सभी जानवरों से माफी मांगी जिन्हें उसने धमकाया था।

उसकी ये पीड़ा देखकर चींटियों को भी दया आयी और उन्होंने उसे छोड़ दिया।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की विनम्र बनो और सभी के साथ दया का व्यवहार करो। अगर आपको लगता है कि आप दूसरों से ज्यादा मजबूत हैं, तो अपनी ताकत का इस्तेमाल उन्हें नुकसान पहुंचाने के बजाय उनकी रक्षा के लिए करना चाहिए।

19. कुत्ता और हड्डी की कहानी : Short Moral Stories in Hindi For Class 5

बहुत समय पहले की बात है, एक बार एक कुत्ता था जो खाने की तलाश में रात-दिन सड़कों पर घूमता रहता था।

एक दिन, उसे एक बड़ी रसीली हड्डी मिली और उसने तुरंत उसे अपने मुंह के बीच में पकड़ लिया और घर की ओर ले गया। घर के रास्ते में, उसने एक नदी पार करनी पड़ी। वहाँ उसने गौर किया की एक और कुत्ता ठीक उसी के तरफ़ ही देख रहा था, वहीं जिसके मुंह में भी एक हड्डी थी।

इससे इस कुत्ते के मन में लालच उत्पन्न हुई और वह उस हड्डी को अपने लिए चाहने लगा। लेकिन जैसे ही उसने अपना मुंह खोला, जिस हड्डी को वह काट रहा था, वह नदी में गिर गई और डूब गई। ऐसा इसलिए हुआ क्यूँकि वो दूसरा कुत्ता और कोई नहीं बल्कि उसकी ही परछायी थी, जो की उसे पानी में दिख रहा था। अब जब की उसके मुँह की हड्डी गिर चुकी थी पानी में इसलिए उस रात वह भूखा ही रहा और अपने घर चला गया।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की अगर हम हमेशा दूसरों से ईर्ष्या करते हैं, तो हम लालची कुत्ते की तरह सबक़ सीखना पड़ेगा, वहीं जो हमारे पास पहले से है हम उसे भी खो देंगे।

20. झूठा लड़का और भेड़िया की कहानी : Short Moral Stories in Hindi For Class 6

बहुत समय पहले की बात है एक बार, एक गाँव में एक लड़का रहा करता था जो की पास की पहाड़ी पर चरते गाँव की भेड़ों को देखकर ऊब गया था। अपना मनोरंजन करने के लिए, उसने चिल्लाया, “भेड़िया! भेड़िया! भेड़िया भेड़ों का पीछा कर रहा है!”

जब गाँव वालों ने उसकी चीख सुनी, तो वे भेड़िये को भगाने के लिए पहाड़ी पर दौड़ते हुए आए। लेकिन, जब वे पहुंचे, तो उन्होंने कोई भेड़िया नहीं देखा। उनके गुस्से वाले चेहरों को देखकर लड़का खुश हो गया। उसे यह देखकर मज़ा आया।

सभी गाँव वालों ने उस लड़के को चेतावनी दी की “भेड़िया भेड़िया चिल्लाओ मत, लड़का,”, “जब कोई भेड़िया नहीं है!” इसके बाद वे सभी गुस्से में वापस पहाड़ी से चले गए।

अपने मनोरंजन के लिए, बाद में एक बार फिर से, चरवाहा लड़का फिर चिल्लाया, “भेड़िया! भेड़िया! भेड़िया भेड़ों का पीछा कर रहा है!”, उसने देखा कि ग्रामीण भेड़िये को डराने के लिए पहाड़ी पर दौड़ रहे हैं। यह देख उसे फिर से आनंद आने लगा।

जब उन्होंने देखा कि कोई भेड़िया नहीं है, तो उन्होंने सख्ती से उस लड़के को कहा, की जब कोई भेड़िया नहीं है तब उसे उन्हें नहीं बुलाना चाहिए। केवल भेड़िया के आने पर ही उन्हें उसे पुकारना चाहिए। जब वो गाँव वाले पहाड़ी के नीचे जा रहे थे, तब वो लड़का मन ही मन मुस्कुराया।

बाद में, लड़के ने एक असली भेड़िये को अपने झुंड के तरफ़ आते देखा। घबराए हुए, वह अपने पैरों पर कूद गया और जितना जोर से चिल्ला सकता था, चिल्लाया, “भेड़िया! भेड़िया!” लेकिन गाँव वालों ने अब की बार सोचा कि वह उन्हें फिर से बेवकूफ बना रहा है, और इसलिए वे मदद के लिए नहीं आए।

सूर्यास्त के समय, ग्रामीण उस लड़के की तलाश में गए जो अपनी भेड़ों के साथ नहीं लौटा था। जब वे पहाड़ी पर गए, तो उन्होंने उसे रोते हुए पाया।

“यहाँ वास्तव में एक भेड़िया था! झुंड चला गया! मैं चिल्लाया, ‘भेड़िया!’ लेकिन तुम नहीं आए,” वह चिल्लाया, यह सब वो रोते हुए कहा। 

अब एक बूढ़ा आदमी लड़के को सांत्वना देने गया। जैसे ही उसने उसके पीठ पर अपना हाथ रखा, उसने कहा, “झूठे पर कोई विश्वास नहीं करता, भले ही वह सच कह रहा हो!” अब उस लड़के को अपनी गलती का पछतावा हुआ। 

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की झूठ से विश्वास टूट जाता है – भले ही आप सच कह रहे हों, कोई भी झूठ पर विश्वास नहीं करता है। इसलिए हमेशा सच बोलना चाहिए।

21. तेनाली रामा और चोरों की टोली की कहानी : Short Moral Stories in Hindi For Class 7

बहुत दिनों पहले की बात है, तब भारत के दक्षिण दिशा में विजयनगर नामक एक राज्य हुआ करता था। उस राज्य के राजा कृष्णदेवराय हुआ करते थे। वहीं उनके दरबार में तेनाली रामा नामक एक मंत्री भी था। 

विजयनगर में उन दिनों चोरी की कई घटनाएं हो चुकी हैं। राजा कृष्णदेवराय चोरों से चिंतित थे। तेनाली रामा समेत दरबार में हर कोई चिंतित नजर आया! उस शाम जब वह (तेनाली रामा) दरबार से अपने घर वापस आया, तो उसने देखा कि उसके बगीचे में कुएँ के पास बड़े आम के पेड़ के पीछे दो आकृतियाँ छिपी हुई हैं।

अब उसे ये भली भाँति मालूम पड़ गया था की ये कोई ओर नहीं बल्कि वहीं चोर हैं। उसने उन चोरों को सही सबक सीखाने के बारे में सोचा।  वह घर पहुँचकर अपने पत्नी के साथ ज़ोर ज़ोर से बातें करने लगा, जिससे की वो चोर लोग उनकी बातों को सुन सके। 

वह अपनी पत्नी से क्या कह रहा था :”… हमारे गहने घर पर रखना सुरक्षित नहीं है। कृपया हमारे लोहे के ट्रंक को अपने गहनों से भर दें और वो लोग उन्हें सुरक्षित रखने के लिए कुएं में गिरा देंगे !”

ये बातें सुनकर लुटेरों ने एक बेवकूफ की योजना के विचार पर चुटकी ली। उन्हें लगा की यह तेनाली रामा कितना ही ज़्यादा मूर्ख व्यक्ति है। वहीं तेनाली रामा ने अपनी पत्नी को फुसफुसाया कि चोर बगीचे में छिपे हुए हैं। वहीं साथ में वह ट्रंक को पत्थरों और बर्तनों से भरने के लिए कहता है।

एक बार ट्रंक भर जाने के बाद, तेनाली राम और उनकी पत्नी ने ट्रंक को खींचकर कुएँ में गिरा दिया।”यह यहाँ सुरक्षित रहेगा!” उसने अपनी पत्नी को जोर से कहा।

दोनों चोर घर में लोगों के सोने का इंतजार कर रहे थे। उनके पास एक योजना थी! प्रत्येक लुटेरा बारी-बारी से कुएँ से पानी निकालने लगा।

उनका उत्साह जल्द ही थकान में बदल गया और उन्होंने थोड़ा विश्राम लेने का फैसला किया।भी पास ही किसी ने कहा: “बस इतना ही! बगीचे में पानी भर गया है, तुमने दिन के लिए अच्छा काम किया है! अब मुझे बगीचे में पानी भरने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी ”। 

लुटेरों ने जब इधर-उधर देखा तब उन्हें तेनाली रामा पीछे फावड़ा और डंडा पकड़े हुए दिखा। उसे देखकर वो चौंक गए, वो उठे और भाग गए! कुछ समय बाद, विजयनगर के लोगों ने किसी लूट की शिकायत नहीं की।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की किसी भी विषम परिस्थिति में बेहतर यही है कि शांत रहें और किसी समस्या का हल ढूंढ़ लें।

22. दूधवाली और उसके सपने की कहानी : Short Moral Stories in Hindi For Class 8

दूधवाली और उसके सपने एक बहुत ही अनोखी कहानी है जिसमें की बच्चों को दिवास्वप्न न देखने की सीख मिलती है। एक समय की बात है, एक गाँव में कमला नाम की एक दूधवाली रहती थी। वो अपने गायों की दूध को बेचकर पैसे कमाती थी जिससे की उसका गुज़ारा चलता था। 

एक दिन की बात है, उसने अपनी गाय को दूध पिलाया और एक छड़ी पर लाए हुए दूध की दो बाल्टी लेकर बाजार में दूध बेचने निकल पड़ी। जैसे ही वह बाजार जा रही थी, वह दिवास्वप्न देखने लगी कि दूध के लिए उसे जो पैसा मिला है, उसका वह क्या करेगी।

उसने मन ही मन कई चीजें सोचने लगी। उसने मुर्गी खरीदने और उसके अंडे बेचने की सोची। फिर उस पैसे से वो एक केक, स्ट्रॉबेरी की एक टोकरी, एक फैंसी ड्रेस और यहां तक ​​कि एक नया घर खरीदने का सपना देखने लगी। इस प्रकार से वो कम समय से अमीर बनने की योजना बनाई। 

अपने उत्साह में, वह अपने साथ ले जा रहे दोनों बाल्टी के बारे में भूल गई और उन्हें छोड़ना शुरू कर दिया। अचानक, उसने महसूस किया कि दूध नीचे गिर रहा है और जब उसने अपनी बाल्टी की जाँच की, तो वे खाली थे। ये देखकर वो रोने लगी और उसे उसके भूल का पछतावा होने लगा।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की केवल सफलता ही नहीं, सफलता प्राप्त करने की प्रक्रिया पर ध्यान देना महत्वपूर्ण है।

23. सुनहरे हंस की कहानी : Short Moral Stories in Hindi For Class 9

यह जातक कथाओं से बच्चों के लिए नैतिक कहानियों में से एक है, जो लालच की बात करती है! बहुत दिनों की बात है एक झील में एक हंस रहता था, जो की काफ़ी खास था। उसके सुंदर सुनहरे पंख थे। वहीं झील के पास एक बूढ़ी औरत अपनी बेटियों के साथ रहती थी। 

बहुत ज़्यादा मेहनत करने के बाद भी वे गरीब ही रहे। एक दिन, हंस ने सोचा: शायद मैं हर दिन एक सुनहरा पंख दे दूं ताकि ये महिलाएं इसे बेच सकें और जीने के लिए पर्याप्त पैसा हो।

अगले दिन हंस बुढ़िया के पास गया। उसे देखकर बूढ़ी औरत ने कहा, “मेरे पास तुम्हें देने के लिए कुछ नहीं है!” लेकिन ऐसा कहने पर हंस ने कहा, “लेकिन, मेरे पास तुम्हारे लिए कुछ है!” और समझाया कि वह क्या कर सकती है! 

बुढ़िया और उसकी बेटियाँ सोने का पंख बेचने के लिए बाजार गई थीं। उस दिन, वे हाथ में पर्याप्त धन लेकर खुश होकर वापस आए।

हंस दिन-ब-दिन बुढ़िया और उसकी बेटियों की मदद करता रहता। बेटियाँ चिड़िया के साथ खेलना पसंद करती थीं और बरसात और ठंड के दिनों में उसकी देखभाल करती थीं! जैसे-जैसे समय बीतता गया, बूढ़ी औरत और लालची होती गई! एक पंख उसकी मदद कैसे कर सकता है? “जब कल तक हंस आ जाए, तो हमें उसके सारे पंख तोड़ देने चाहिए!” उसने अपनी बेटियों को बताया। 

ऐसी बात सुनने पर, उन्होंने इसमें उसकी मदद करने से इनकार कर दिया। अगले दिन बुढ़िया ने हंस के आने का इंतजार किया। जैसे ही पक्षी आया, उसने अपने अगले हिस्से को पकड़ लिया और अपने पंखों को तोड़ना शुरू कर दिया। 

जैसे ही उसने उन्हें तोड़ा, पंख सफेद हो गए। बुढ़िया रो पड़ी और हंस को जाने दिया। इसपर हंस ने कहा की, “तुम लालची हो गए हो! जब तुमने मेरी इच्छा के बिना मेरे सुनहरे पंख तोड़ दिए, तो वे सफेद हो गए! 

इतना कहकर हंस गुस्से में वहाँ से उड़ गया फिर कभी नहीं दिखायी पड़ा!

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की अत्यधिक लोभ से बहुत हानि होती है। दूसरों से चोरी न करना या स्वार्थ के लिए दूसरों की कामना न करना अच्छा है।

24. सर्कस के हाथियों की कहानी : Short Moral Stories in Hindi For Class 10

बहुत दिनों पुरानी बात है। एक बहुत ही बड़ा सर्कस हुआ करता था। इस सर्कस में बहुत से जानवर कई प्रकार के करतब किया करते थे। 

वहीं यहाँ पर एक हाथियों का झुंड भी हुआ करता था जो की कई सारे करतब से लोगों का मनोरंजन करते थे। एक बार उस सर्कस में पांच हाथियों ने सर्कस के करतब किए। वहीं करतब के ख़त्म हो जाने के बाद उन्हें कमजोर रस्सी से बांधकर रखा जाता था, जिससे वे आसानी से बच सकते थे, लेकिन वो कभी भी नहीं गए। 

एक दिन सर्कस में जाने वाले एक व्यक्ति ने रिंगमास्टर से पूछा: “इन हाथियों ने रस्सी तोड़कर भाग क्यों नहीं लिया?” इस सवाल पर रिंगमास्टर ने उत्तर दिया की : “जब वे छोटे थे, तब इन हाथियों को पतले पतले रस्सी से बंधा जाता था, लेकिन वो छोटे होने के कारण से जितनी कोशिश करने पर भी उस रस्सी से छूट नहीं पाते थे।

धीरे धीरे उनकी कोशिश कम होती गयी और उन्होंने मन में ये मान लिया की वो इन रस्सियों को छुड़ाकर नहीं भाग सकते हैं। वहीं हाथियों को यह विश्वास दिलाया गया था कि वे रस्सियों को तोड़ने और भागने के लिए पर्याप्त मजबूत नहीं हैं।” 

इसलिए जब वो बड़े हो जाते हैं तब उन्हें वही समान रस्सी से भी आसानी से बांध दिया जाता है। उन लोगों की इसी विश्वास की वजह से उन्होंने अब रस्सियों को तोड़ने की कोशिश तक नहीं की। लेकिन देखा जाए तो वो एक ही पल में इन सभी रस्सियों को आसानी से तोड़ सकते हैं, लेकिन वो ऐसा करते नहीं है।

सीख

इस कहानी से हमें ये सीख मिलती है की हमें समाज की मर्यादाओं के आगे नहीं झुकना चाहिए। वहीं हमें ये विश्वास करना चाहिए कि हम वो सब कुछ हासिल कर सकते हैं जो हम चाहते हैं!

बच्चों को कहानी कैसे सुनते हैं?

चाहे कहानी कितनी भी मज़ेदार और रोचक न हो, फिर भी आपके कहानी सुनाने के अंदाज के ऊपर निर्भर करता है की वो कहानी आपके बच्चे को कितनी पसदं आने वाली है. क्यूंकि आपके बताने के ढंग पर सबकुछ निर्भर करता है।

अगर आप भी अपने कहानियों को ज्यादा मज़ेदार बनाने के लिए नीचे दिए गए tips का जरुर से पालन करें.

1. आपको बहुत ज्यादा creative बनना होगा जब आप किसी बच्चे को कहानी सुना रहे हैं. अक्सर देखा गया है की एक personality या character किसी कहानी का एक बच्चे की interest को अपनी और खींचती है. ऐसे में आप अलग अलग प्रकार के आवाजों का इस्तमाल कर सकते हैं, जिससे की बच्चों को कहानी सुनने में आनंद आये.

2. अगर आप किसी किताब या चित्र से कहानी सुना रहे हैं तब आपको उसे बच्चों के सामने रखना चाहिए जिससे की बच्चों को भी आपके कहानी और किताब में स्तिथ चित्र के विषय में मालूम पड़े. वो ऐसे में अच्छे ढंग से कहानी समझ पाते हैं.

3. एक बार जब आपने कहानी ख़त्म कर दी तब आप बच्चों से उस कहानी के विषय में सवाल करें. जैसे की इससे उन्हें क्या शिक्षा मिलती है और साथ में उन्हें उस विषय में समझाएं भी. इससे आपको ये भी मालूम पड़ेगा की आखिर उन्हें आपकी कहानी समझ में आई भी या नहीं.

4. खुद कहानी पढने के साथ साथ अपने बच्चों को भी आपके साथ दोहराने के लिए प्रेरित करें. इससे उनके भीतर पढने की कला उत्पन्न होने लगेगी.

6. कहानी सुनाने के लिए दिन के अलग अलग समय का इस्तमाल करें. इससे आपको ये मालूम होगा की आपके बच्चे किस समय सबसे ज्यादा ध्यान देते हैं कहानी सुनने के लिए.

मुझे आशा है की मेरे द्वारा लिखी ये “Short Stories in Hindi” लेख आपको पसदं आई होगी. इसके साथ ही इससे आपको और आपके बच्चों को इसमें से खूब सारी सिख भी मिली होगी. ऐसी सिख बच्चों को उनके जीवन में आगे बढ़ने में काफ़ी मदद प्रदान करती है. उन्हें सही गलत के बीच के अंतर से रूबरू कराती है.

यदि आपको थोडा सा भी लगा की यह लेख अच्छा लगा हो तब इसे सभी के साथ ज्यादा से ज्यादा share करिये और यदि आपके मन में किसी भी प्रकार की कोई राय हो तो निचे कमेंट जरुर करें.

क्या आपको Short Stories in Hindi पढ़ना पसंद है?

जी हमें Short Stories in Hindi पढ़ना पसंद है।

क्यूँ आपको Short Stories in Hindi पढ़नी चाहिए?

आपको Short Stories in Hindi इसलिए पढ़नी चाहिए क्यूँकि इसमें आपको बहुत सी चीजें सीखने को मिलती है और साथ में जीवन में आगे बढ़ने में काफ़ी मदद प्रदान करती है।

क्या मुझे यहाँ पर Short Motivational Stories in Hindi पढ़ने को मिलेगी?

जी हाँ दोस्तों यहाँ पर हमने सबसे बेहतरीन मोटिवेशनल स्टोरी को जगह दिया है। आप आर्टिकल में बहुत सी कहानियाँ पढ़ सकते हैं।

आज आपने क्या सीखा?

मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख Short Stories in Hindi with Moral for Kids जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को ख़ास कर छोटे बच्चों को प्रेरणादायक कहानियों के विषय में पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है.

इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी कहानियां भी मिल जायेंगे. यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीच comments लिख सकते हैं.

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